Thursday, 4 February 2016

दोस्तों जरूर पूरा पढ़े।
मै ओ. बी.सी. हु। मुझे आरक्षण की जरुरत नहीं है। मै चाहता हु की मेरी जगह किसी गरीब को आरक्षण मिले। मैंने देखा है आज कल सोशल मिडिया पर मंदिर, भगवान, हिन्दू ओकी संस्कृतिपर बहुत उंगलिया उठाई जा रही है। प्रत्येक व्यक्ति अपने धर्म को श्रेष्ठ ओर दूसरोंके धर्म को तुच्य दिखाने की होड़ में लगा है।
        मेरा इन सभी से यह सवाल है। जो व्यक्ति 10-15 हजार का मोबाईल लेकर हर खबर देश के हित में क्या है? कोनसा धर्म श्रेष्ठ है? क्या सही है? क्या गलत है? सब जानते है। जो 15-20 हजार का मोबाईल, 5 लाख की गाड़ी, 3 मंजिला माकन, क्लास 1-2 शहरों में निवास कर रहा हो, घर के 4 मेसे 3 सदस्य गवरमेंट के सिनेपर चढ़ कर प्रति महा 50-60 हजार तनख्वाह ले रहे है।क्या उसे आरक्षण की आवश्यकता है?
          इन सभी भाईयोने छोटे छोटे गांवों में जाकर उन्हें समजाना चाहिए की दोस्तों मैंने आरक्षण का 10 साल फायदा लिया है। अब तेरी बरी है मै समर्थ हु बिना आरक्षण के जी सकता हु। तू अपनी जिंदगी सवार । कहनेका मतलब ये है की , आरक्षण का फ़ायदा अशिक्षित लोगों को उनके बच्चों को लेने दो। उन्हें जगाओ, देश के बारेमे सोचो , उन्हें जागृत करो हमें ओर हमारे समाज को मोबाईल द्वारा ज्ञान बट्नेसे अच्छा है। आप उन्हें ज्ञान बाटे जो आपके भाई गांव में अशिक्षित है।
         किसी धर्म पर टिका टिपण्णी करने की बजाये अपनोको जागृत करो।क्या क्या आप ऐसा कर पाओगे?

बिपिन मोघे

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